मेट्रो तीसरे फेज के लिए चाहिए 57 हजार वर्ग मीटर भूमि


तीसरे फेज में नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर तक 5.917 किलोमीटर लंबा मेट्रो कॉरिडोर बनाने के लिए 57279.7 वर्ग मीटर जमीन चाहिए। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने डीपीआर में बताया है कि 111333.9 वर्ग मीटर जमीन छह स्टेशन बनाने के लिए चाहिए। 45945 वर्ग मीटर भूमि पर रनिग कॉरिडोर बनाया जाएगा। करीब 378 करोड़ रुपये जमीन की कीमत आंकी गई है।


नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी तज मेट्रो का संचालन हो रहा है। यहां से कॉरिडोर को आगे बढ़ाकर एनएच-9 को क्रॉस करते हुए मोहननगर लिक रोड के बीचोंबीच बनाया जाएगा। हिडन नहर से पहले इसे सड़क किनारे टर्न करते हुए एलिवेटेड रोड के ऊपर से बनाते हुए थोड़ा आगे जाने के बाद फिर से लिक रोड के बीच बनाया जाएगा। वैशाली से मोहननगर की तरफ जाने वाले मदन मोहन मालवीय मार्ग पर साहिबाबाद लाल बत्ती से घुमाकर कॉरिडोर वसुंधरा सेक्टर-2 के किनारे-किनारे रेलवे लाइन के ऊपर से मोहननगर तक बनाया जाएगा। इस कॉरिडोर पर पहला मेट्रो स्टेशन वैभखंड बनेगा। फिर डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच, वसुंधरा सेक्टर-2 और मोहननगर स्टेशन बनाया जाएगा। डीपीआर के मुताबिक मदन मोहन मालवीय मार्ग की तरफ नए कॉरिडोर पर दूसरा मोहननगर मेट्रो स्टेशन बनेगा। इसे वॉकिग वे बनाकर दिलशाद गार्डन-शहीद स्थल न्यू बस अड्डा कॉरिडोर के मोहननगर मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा। डीपीआर के मुताबिक स्टेशन बनाने के लिए 7037.9 वर्ग मीटर सरकारी जमीन चाहिए और 4296 वर्ग मीटर निजी स्वामित्व की भूमि खरीदनी होगी। रनिग कॉरिडोर के लिए 42131.8 वर्ग मीटर सरकारी भूमि चाहिए, 3814 वर्ग मीटर भूमि खरीदनी पड़ेगी। अभी जीडीए अधिकारी डीपीआर का अध्ययन करेंगे। फिर डीपीआर शासन को भेजी जाएगी। शासन की मंजूरी के बाद जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। अधिकारियों का कहना है कि जून में काम शुरू हो जाए तो जून 2021 तक कॉरिडोर बनाया जा सकता है।